बिखरना और निखरना by Inscape Ink

 
"Tinka tinka yun bikhar raha hu
Tut kar bhi me nikhar raha hu "

रोज ना जाने कितने लम्हे ऐसे आते है ज़िन्दगी में मेरी
ना चाहते हुए में हिम्मत तोड़ देते है सब मेरी

पर फिर एक पल आता है ऐसा 
कोई विकल्प नहीं रहता लड़ने के सिवा
तब लड़ते लड़ते एक चीज सीखता है में
जो तुम्हे तोड़ सकता है वो तुम्हे ऊपर भी उठा सकता है

अपनी मुश्किलों को अपनी ताकत बना के चले अगर हम
तो हमें तोड़ सके ऐसा नहीं है किसी में दम

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