" तुम चाय सी हसीन और में बिस्कुट सा कठीन
मिल जाऊ जो तुझमें तो हो जाऊ तुम में विलीन "
दुनिया में सबसे प्यारी क्यों है मुझे मेरी चाय
फिल्हाल उसका कारण तुम मत पूछो वाय?
चाय से हमारा नाता है पुराना
जिसे याद रखेगा ये सारा ज़माना
एक दिन कहीं किसी राह पर मिल गई एक लड़की
जैसे काले घने बादलों के बीच से बिजली कड़की
चाय सी मोहब्बत हमे उस पर लुटानी चाही
क्यूंकि बनाना चाहा हमने उनको अपना राही
ये सब खेल प्यार का है
जो मुझे मेरी चाय पर है
और अब उस पर भी है
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