" टूटकर बिखरना और फिर खुद से ही संभलना
हालातो के सामने कभी अपना सर ना झुकाना "
संघर्ष का नाम ही जीवन है
उसके होने से ही जीवन संपन्न है
कैसे भी हो हालात तुम लड़ते रही
खुद में ही तुम संभलते रहो
जितना उनसे दूर भागोगे
तुम उतने ही जल्दी पछताओगे
क्योंकि तुम भागते हुए उतने दूर चले जाओगे
और तुम उनसे लड़ना कभी ना सीख पाओगे
इसलिए हमेशा लड़ते रही कठिनाइयो से
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