सब कुछ खो कर फिर भी ना हो रहा था कुछ हासिल
प्यार के जहां में हो रहा था में कुछ इस कदर शामिल
अगर कुछ पाने कि चाह में कर रहे हो तो वो प्यार नहीं है
वो तो बस जरूरत बन कर रह जाती है
जरूरत से परे अगर हो तो वह सच्चा प्यार है
जहां पाने से ज्यादा खोना बेशुमार है
मैंने भी बहुत कुछ खोया इस राह पर
यकीन की ना आया था अपनी चाह पर
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