" चाहत भी तुम और मेरी आदत भी हों तुम
मेरे चेहरे पर सजी मुस्कुराहट भी हो तुम "
चाय से इश्क हमारा बहुत पुराना है
और इसीलिए तो ये दिल शायराना है
चाय पीते पीते ही शायरी लिखा करते है
और उसी से ही हम दिन की शुरुआत करते है
चाय नहीं होती तो शायद कोई और होता
पर चाय के जैसा हसीन तो कोई भी नहीं होता
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