बादलों से ही तो सजता है ये आसमान
बिना उनके तो ये आसमान भी गुमनाम
इतना विशाल होके भी ना हो सम्मान
में तो फिर भी हूं एक इंसान
तुम मेरे साथ होती तो सब हसीन होता
ये सारा जहां एकदम रंगीन होता
तुम्हारा प्यार जैसे आग का दरिया
और मेरा दिल उसे पानें का जरिया
अब तुम संग रह कर हो गई है तुम्हारी आदत
साथ हमेशा रहे करते है ऐसी खुदा से इबादत
"सुना लगता है आसमान बिन बादल
और हो जाता हूं में तुम बिन पागल"
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