फूल खो देता है अपनी ताज़गी भरी महक पौधों से दूर हो
वैसे ही में खोता जा रहा हूं तुम्हारा एहसास तुमसे दूर हो कर
बाग में खिला हुआ फूल बेहद हसीन लगता है
उसकी महक से पूरा बगीचा सुगंधित लगता है
पर एक दिन जब फूल अपने पौधे से टूटता है
तब धीरे धीरे सुख कर अपनी महक खोया है
वैसे ही में तुम्हारे साथ होता था तब था सब ख़ास
पर अब कुछ बदल सा रहा है वो हसीन एहसास
तुमसे दूर हो रहा हूं और मे थोड़ा बदल रहा हूं
जुदाई के रास्ते पर में कुछ ऐसे फिसल रहा हूं
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