दर्द तो ज़िन्दगी का एक हिस्सा होता है
पर किसी के साथ बांटने से वों कम भी होता है
पर तकलीफ तो यह है कि दर्द तो है पर बांटने के लिए कोई है ही नहीं
यहां सब लोग सिर्फ बाते ही करते है अच्छी अच्छी की
तुम्हे कुछ भी हो तो तुम मुझे बताओ
पर जब हम बात करने के लिए उनको बताने जाते है तो वहीं लोग हमें जवाब भी नहीं देते
इस तरह के दर्द के साथ लोग खुद को कोसते है
पर इसमें उनकी क्या गलती
गलत तो यह लोग है
ये दुनिया ही गलत है
लोग स्वार्थी हो गए है
दो पल के लिए भी कुछ बात कर लेते लोग तो आज कई जिंदगियां बच जाती
यह महज कारण है की लोग जीने से ज्यादा मरना पसंद करते है
इस दुनिया में मानवता तो जैसे बची ही नहीं
और लोग सिर्फ दिखावा करते है
दान भी करते है तो दिखावे के लिए ही
बात भी करते है तो दिखावे की या फिर ज़रूरत के हिसाब से
-Harshad Sutariya(Mighty Beardo)
Insired by Monologue of Mukund Mishra acted by Prathamesh Barge
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